लीग ऑफ़ पार्लियामेंटेरियन्स फ़ॉर अल-क़ुद्स (यूरोप चैप्टर) के एक प्रतिनिधिमंडल ने फ़िलिस्तीनी लोगों के अधिकारों के समर्थन में एक यूरोपीय संसदीय नेटवर्क के गठन पर चर्चा करने के लिए संसदीय सदस्य और ब्रिटिश संस्थानों के साथ कई बैठकें कीं.
लीग के प्रतिनिधिमंडल में लीग के कार्यकारी निकाय के एक सदस्य, लीग के यूरोप चैप्टर के अध्यक्ष, इतालवी संसद के पूर्व सदस्य मिशेल पीरास, इतालवी संसद के एक डिप्टी डेविड ट्रीपीडी शामिल थे.
इंग्लैंड और आयरलैंड में संबंधों को मज़बूत करने और सहयोग के क्षेत्रों की तलाश के लिए प्रतिनिधिमंडल ने ब्रिटिश हाउस ऑफ़ कॉमन्स के एक सदस्य एमपी बाम्बोस चारालम्बोस, यूरोपीय फ़िलिस्तीनी फ़ोरम "यूरोपाल" और लंदन में काम करने वाली युवा संगठन "Another Europe is Possible” से मुलाक़ात की, जिसमें इतालवी प्रवासी और राजनीतिक कार्यकर्ता शामिल हैं, और जिनके बहुत से ब्रिटिश सांसदों के साथ मज़बूत रिश्ते हैं.
मिशेल ने बताया कि ये मुलाक़ातें पार्लियामेंटेरियन्स का एक मज़बूत और प्रभावी यूरोपीय नेटवर्क बनाने, फ़िलिस्तीन का समर्थन करने, फ़िलिस्तीनी लोगों पर इसराइल के हमलों और फ़िलिस्तीनी इलाक़ों में संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों एवं अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों के उल्लंघन के बारे में तमाम यूरोपीय संसदों में जागरूकता बढ़ाने वाले आंदोलनों को बढ़ावा देने के लिए लीग की कोशिशों का हिस्सा है.
उन्होंने यह भी बताया कि "इस्लामोफ़ोबिक" आंदोलनों द्वारा फैलाए गए भ्रामक इसराइली प्रोपेगंडे के कारण फ़िलिस्तीनी इलाक़ों में जो कुछ हो रहा है, उसकी वास्तविकता के बारे में यूरोप में एक व्यापक सांस्कृतिक अनभिज्ञता है, जिसके परिणामस्वरूप यूरोप में फ़िलिस्तीन के लिए काम करना मुश्किल हो गया है.
मिशेल ने निशानदेही की कि हर कोई फ़िलिस्तीनी लोगों के पक्ष में जारी किए गए एक शब्द, भाषण या घोषणा के बदले में यहूदी-विरोधी का आरोप लगाए जाने से डरता है. "इन स्थितियों ने बहुत से यूरोपीय सांसदों को डरा दिया और उन्हें पीछे हटने पर मजबूर किया है.”
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