जॉर्डन के सीनेट अध्यक्ष फ़ैसल अल-फ़ायज़ ने शुक्रवार को कहा कि लीग ऑफ़ पार्लियामेंटेरियन्स फ़ॉर अल-क़ुद्स का पांचवां सम्मेलन एक महत्वपूर्ण संसदीय पहल है जो एक महत्वपूर्ण समय में आया है जब फ़िलिस्तीनी लोगों को अपने अस्तित्व के ख़तरे का सामना है.
अल-फ़ायज़ ने अपने भाषण में कहा कि फ़िलिस्तीनी लोगों के ख़िलाफ़ इसराइल के नरसंहार युद्ध के बावजूद, कई राजनीतिक प्रणालियों की अंतरात्मा गहरी नींद में है.
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय, संसदीय संस्थानों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय और मानवाधिकार संगठनों को नरसंहार युद्ध को रोकने और ग़ज़ा पट्टी को रिलीफ़ प्रदान करने के लिए अपनी भूमिका निभाने की ज़रूरत है. उन्होंने ग़ज़ा का समर्थन के लिए और अधिक प्रभावी अरब और इस्लामी पोज़िशन पर ज़ोर दिया.
इस तीन दिवसीय सम्मेलन में तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन, तुर्की संसद के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर नुमान कुर्तुलमुश और 80 देशों के 700 से अधिक संसद सदस्यों के साथ-साथ सरकारी, अंतर्राष्ट्रीय और तुर्किये की अहम हस्तियां भाग ले रही हैं.
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