लीग ऑफ़ पार्लियामेंटेरियन्स फ़ॉर अल-क़ुद्स ने शुक्रवार को इस्तांबुल में तुर्की संसद के तत्वावधान में 'फ़िलिस्तीन की आज़ादी' विषय के तहत अपना पांचवां अंतर्राष्ट्रीय संसदीय सम्मेलन शुरू किया.
तीन दिवसीय इस सम्मेलन में तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन, तुर्की संसद के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर नुमान कुर्तुलमुश और 80 देशों के 700 से अधिक संसद सदस्यों के साथ-साथ सरकारी, अंतर्राष्ट्रीय और तुर्की हस्तियां भाग ले रही हैं.
यह सम्मेलन मौजूदा लोकप्रिय और अंतरराष्ट्रीय रणनीतिक माहौल के मद्देनज़र, लीग की स्थापना से लेकर अब तक की सफलताओं को पूरा करने की कोशिश करती है, जो अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में फ़िलिस्तीनी कॉज़ की सेवा में दुनिया की संसदों की नेटवर्किंग और मंसूबों की कोशिशों के अलावा फ़िलिस्तीनी लोगों के ख़िलाफ़ इसराइली क़ब्ज़े की तरफ़ से आक्रामकता और नरसंहार के युद्ध को रोकने का समर्थन करता है और लीग की स्थिति और भूमिका को मज़बूत करता है.
सम्मेलन में ग़ज़ा पट्टी पर इसराइल की तरफ़ से की जाने वाली नरसंहार युद्ध और वेस्ट बैंक पर उसकी आक्रामकता, बैतुल मुक़द्दस को यहूदियाने की योजना और अल-अक़्सा मस्जिद के ख़िलाफ़ आक्रामकता का मुक़ाबला करने के तरीक़ों पर चर्चा होगी.
सम्मेलन में राजनीतिक और क़ानूनी सेमिनार, फ़िलिस्तीनी मुद्दे के समर्थन में फ़िलिस्तीनी संसदीय समितियों की भूमिका पर संसदीय संवाद सत्र, संसदीय फोरम जिसमें संसद के प्रमुखों और भाग लेने वाले प्रतिनिधिमंडलों के प्रतिनिधियों के भाषण शामिल हैं.
सम्मेलन के मौक़े पर 'मौसम अल-क़ुद्स' पहल शुरू की जाएगी, जिसमें बैतुल मुक़द्दस को पेश आने वाले ख़तरों के बारे में जागरूकता पैदा करने की कोशिश की जाएगी, इसके अलावा फ़िलिस्तीन के मसले और विरासत से संबंधित प्रदर्शनियों के अलावा ग़ज़ा पट्टी में जारी नरसंहार की जंग की भी एक प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी.
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