लीग ऑफ़ पार्लियामेंटेरियन्स फ़ॉर अल-क़ुद्स (LP4Q) के अध्यक्ष, शेख़ हमीद बिन अब्दुल्लाह अल-अहमर ने मस्जिद अल-अक़्सा और यरुशलम की रक्षा के संबंध में लीग और अल्जीरियाई संसद के बीच घनिष्ठ और विशेष संबंध की पुष्टि की.
अल्जीरियाई "अल-बीना" आंदोलन के दूसरे सम्मेलन में अपने भाषण के दौरान, अल-अहमर ने यह स्पष्ट किया कि लीग फ़िलिस्तीनी लोगों के अधिकारों और यरुशलम के मसले के लिए स्थानीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय संसदीय मंचों पर अधिवक्ता और रक्षक की आवाज़ बनी रहेगी, जिसमें मस्जिद अल-अक़्सा और यरुशलम शहर में इसराइली क़ब्ज़े के मंसूबों का मुक़ाबला करने और संयुक्त कार्रवाई के लिए अब लीग और "अल-बीना" आंदोलन के बीच समझौते की मौजूदगी को नोट किया जाएगा.
उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा इसराइली सरकार क़ब्जे़े की इतिहास में सबसे चरमपंथी सरकार है. उन्होंने इस बात की तरफ़ इशारा करते हुए कि क़ब्ज़ा करने वाले इसराइल ने फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों में सैटलमेंट और यहूदीकरण परियोजनाओं के माध्यम से तथाकथित शांतिपूर्ण समाधान को व्यावहारिक रूप से लागू किया है. ऐसी स्थिति में हमें इसराइली क़ब्जे़े की आक्रामकता और योजनाओं के सामने फ़िलिस्तीनी लोगों को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए.
अल-अहमर ने अल्जीरिया गणराज्य को अपने क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय भूमिका को बहाल करने, लोकतांत्रिक आंदोलन को पूरा करने और अपने प्रामाणिक स्टैंड, जिनमें सबसे अहम फ़िलिस्तीनी कॉज है, उसके लिए सभी अल्जीरियाई गुटों को एकजुट करने के प्रयासों पर मुबारकबाद पेश की.
उन्होंने "अल-बीना" आंदोलन को दूसरे सम्मेलन के आयोजन पर मुबारकबाद देते हुए ये आशा व्यक्त की कि लीग ऑफ़ पार्लियामेंटेरियन्स फ़ॉर अल-क़ुद्स का वार्षिक सम्मेलन जल्द ही अल्जीरियाई संसद के समर्थन से अल्जीरिया में आयोजित किया जाएगा.
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