इसराइल की सेना आधुनिक काल का फ़िरौन है: एर्दोआन

इसराइल की सेना आधुनिक काल का फ़िरौन है: एर्दोआन

"हम ऐसे दिनों में गुज़र रहे हैं जब मुसलमान होना और सच्चाई, इंसाफ़ और अपने पवित्र स्थानों की रक्षा करना मुश्किल है. ये हमारा कर्तव्य है कि ज़ायोनी-क्रूसेडर मानसिकता के साथ बैतुल मुक़द्दस की रक्षा करें." यह बात तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने शुक्रवार को इस्तांबुल में लीग ऑफ़ पार्लियामेंटेरियन्स फ़ॉर अल-क़ुद्स द्वारा आयोजित पांचवें अंतर्राष्ट्रीय संसदीय सम्मेलन में व्यक्त की.

एर्दोआन ने इस बात पर ज़ोर देते हुए कहा कि फ़िलिस्तीनी लोगों को इतिहास के सबसे जघन्य अपराधों का निशाना बनाया जा रहा है.

उन्होंने इसराइली कब्ज़ा करने वाली सेनाओं को "आधुनिक ज़माने का फ़िरौन और नव-नाज़ियों के रूप में वर्णित किया, जिन्होंने ग़ज़ा पट्टी में 35,000 से अधिक फ़िलिस्तीनियों को मार डाला.”

एर्दोगन ने आगे कहा, "कुछ लोग हमारी बातों से नाराज़ हैं और समझते हैं कि वे हम पर यहूद-दुश्मनी का आरोप लगाकर हमें चुप करा सकते हैं, लेकिन वे कामयाब नहीं होंगे. और आप जो भी करें, जब तैयब एर्दोआन के दिल पर कोई रूकावट नहीं डाल सकेंगे. और हम फ़िलिस्तीनी मुद्दे का बचाव करना जारी रखेंगे."

तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने कहा कि लीग ऑफ़ पार्लियामेंटेरियन्स फ़ॉर अल-क़ुद्स ने अपनी स्थापना के बाद से वैश्विक संसदीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण अंतर को भर दिया है.

सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में अपने संबोधन में उन्होंने आगे कहा कि लीग सभी क्षेत्रों में अपनी गतिविधियों और काम की बदौलत विश्व स्तर पर फ़िलिस्तीन मुद्दे की आवाज़ और रूह बन चुकी है, इसके लिए उन्होंने लीग का शुक्रिया अदा करते हुए अमन के लिए हमेशा संघर्ष में साथ देने की बात कही.

एर्दोआन ने कहा कि फ़िलिस्तीन हर मुसलमान के लिए परीक्षा का एक पर्चा है. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि हम फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध सेनानियों को आतंकवादी नहीं कह सकते हैं और हम हमास को एक स्वतंत्रता-प्रेमी समूह के रूप में मानते रहेंगे.

राष्ट्रपति एर्दोआन ने इस बात पर ज़ोर दिया कि "कोई भी ग़ज़ा में नरसंहार को उचित नहीं ठहरा सकता, चाहे आप 7 अक्टूबर की घटनाओं से सहमत हों या असहमत हों, और आप कम से कम युद्ध के क़ानूनों और नैतिकता का सम्मान करते हैं. हमने इसराइल के साथ व्यापारिक संबंध ख़त्म कर लिए हैं, और हम ऐसा करना जारी रखेंगे, हम अन्य संबंध भी तोड़ सकते हैं.”

इस तीन दिवसीय सम्मेलन में तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन, तुर्की संसद के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर नुमान कुर्तुलमुश और 80 देशों के 700 से अधिक संसद सदस्यों के साथ-साथ सरकारी, अंतर्राष्ट्रीय और तुर्किये की अहम हस्तियां भाग ले रही हैं.

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