लीग ऑफ़ पार्लियामेंटेरियन्स फ़ॉर अल-क़ुद्स के अध्यक्ष, श्री हमीद बिन अब्दुल्लाह अल-अहमर ने कहा कि ग़ज़ा पट्टी के ख़िलाफ़ इसराइली क़ब्ज़े के नरसंहार युद्ध ने वर्ल्ड ऑर्डर को मज़ाक़ में बदल दिया है और वैश्विक मूल्यों की प्रणाली को नष्ट कर दिया है.
इस्तांबुल में आयोजित लीग के पांचवें सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में अपने संबोधन में शेख़ हमीद ने इस बात पर ज़ोर दिया कि लीग फ़िलिस्तीनियों के अधिकार और बैतुल मुक़द्दस के प्रतीक और इसकी अंतरराष्ट्रीय स्थिति की रक्षा के लिए सबसे प्रमुख वैश्विक संसदीय मंच बन गया है. कई महाद्वीपीय और अंतर्राष्ट्रीय संसदीय संघों में इसकी सदस्यता से यह और भी मज़बूत हुआ है.
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह सम्मेलन फ़िलिस्तीनी लोगों के ख़िलाफ़ इसराइल के नरसंहार युद्ध की शुरुआत के बाद से वैश्विक स्तर पर होने वाले सबसे बड़े संसदीय वार्ता का प्रतिनिधित्व करता है, और तुफ़ान राफ़ा को अंजाम देने के लिए इसराइल के दृढ़ संकल्प के बढ़ते संकेतों के साथ जिसमें दस लाख से अधिक फ़िलिस्तीनियों को जबरन दूसरे इलाक़ों से बेघर किया गया था.
अल-अहमर ने कहा कि नौ साल पहले लीग की शुरुआत के बाद से, इस्लामिक दुनिया, एशिया और अफ़्रीक़ा के स्वतंत्र सांसद इसमें शामिल हो चुके हैं, जिनकी लैटिन अमेरिका में मौजूदगी और यूरोप में एक आशाजनक विस्तार है, और ये उनके लिए एक प्लेटफॉर्म बन गया है. प्रतिबद्धता, एक सामान्य मानवीय प्रवृत्ति से एकजुट जो न्याय का समर्थन करती है और फ़िलिस्तीन पर इसराइली क़ब्ज़े के अन्याय और क्रूरता को ख़ारिज करती है.''
उन्होंने कहा कि इसराइल अपने सहयोगियों के साथ मिलकर UNRWA को निशाना बनाकर पुनर्वास योजना को अंतिम रूप देना चाहता है, जो शरणार्थियों का आख़िरी गवाह और वापसी का अधिकार है. उन्होंने लीग के सम्मेलन, उसके सेमिनारों और संसदीय, क़ानूनी और राजनीतिक संवाद को पुनर्जीवित करने और फ़िलिस्तीनी लोगों को उनकी भूमि और पवित्र स्थलों पर वापस लाने के साथ-साथ ग़ज़ा पट्टी के ख़िलाफ़ नरसंहार युद्ध को समाप्त करने के लिए एक वैश्विक संसदीय आंदोलन शुरू करने का आह्वान किया.
शेख़ हमीद ने सत्य, न्याय, मूल्यों और तर्कसंगत मानवीय सिद्धांतों की व्यवस्था को बहाल करने के लिए एक वैश्विक गठबंधन शुरू करने के महत्व पर ज़ोर दिया.
उन्होंने तुर्किये की स्थिति की सराहना की, विशेष रूप से राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन की कि उन्होंने तबाही की जंग और फ़िलिस्तीनी लोगों के प्रतिरोध को आतंकवाद क़रार देने की कोशिशों को अस्वीकृत किया. उन्होंने पुष्टि की कि "तुर्की की विशिष्ट स्थिति गिनने के लिए बहुत अधिक हैं, और जबकि दूसरे देशों की विशिष्ट स्थिति को शुमार करने की कोई गुंजाइश नहीं है, लेकिन हम दक्षिण अफ्रीक़ा के साहसी रुख की तारीफ़ और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में इसराइल के ख़िलाफ़ मुक़दमा दायर करने को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते."
इस तीन दिवसीय सम्मेलन में तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन, तुर्की संसद के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर नुमान कुर्तुलमुश और 80 देशों के 700 से अधिक संसद सदस्यों के साथ-साथ सरकारी, अंतर्राष्ट्रीय और तुर्किये की अहम हस्तियां भाग ले रही हैं.
Copyright ©2024